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शुभकामनाएं व शांति


इतने दिनों तक अपनी अनुपस्थिति के लिए माफ़ी चाहती हूँ ।

अधिकतर समय कविताओं के साथ गुज़र रहा है। एक कविता संग्रह बनाने की कोशिश कर रही हूँ। जल्द ही आपको मेरी रचनाओं पर टिप्पणी करनी होगी। आपका साथ रहा तो, आशा है कि संग्रह जल्द ही पूरा कर लूंगी ।

सहसा..बैठे-बैठे कुछ पंक्तियाँ मेरी ज़हन में आई ..

तुझे है याद.. कश्ती डूबती थी जब किनारे पे,
समंदर की लहर में पांव अपना रोज़ धोते थे,
न बाती थी, न बाती में थी लौ जलती किनारे पे,
अँधेरा मौन था इतना, मगर बस साथ तेरा था ।


...ऋतु की कलम से
५.११.2009

जल्द ही अपनी नयी रचनायों के साथ आऊंगी ।

शुभकामनाएं व शांति
ऋतु सिंह

Comments

  1. b'ful xpressions nd creation!! i cn c the pain nd love hidden in these lines!!!!

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  2. ऋतु दीदी

    ऋतु अवस्थी जी का ब्लॉग http://www.rituondnet.blogspot.com/ खोजते हुए आपका ब्लॉग देखा... अच्छा लगा ... मैं भी ब्लॉग लिखना चाहती हू .

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  3. hey, nice blog!!! gud poetic sense.

    by the way ur website ivibgyor is also pretty cool... i really liked the layout and content. if get something 2 develop thn i'll surely call u :)

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  4. बढ़िया लिखा आपने.. पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ.. अच्छा लगा..

    आप अपने ब्लॉग पर Follower नामक विजेट क्यों नहीं लगा लेती हैं, उससे भविष्य में आपका ब्लॉग ढूँढने में आसानी हो जायेगी.

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